अपनी जाति का हो तो नायक नहीं तो और खलनायक – डॉ. उदित राज

अपनी जाति का हो तो नायक नहीं तो और खलनायक – डॉ. उदित राज

अपनी जाति का हो तो नायक नहीं तो और खलनायक - डॉ. उदित राज 10 July 2020 अपनी जाति के अपराधियों को हीरो मानने की सामाजिक प्रवृत्ति खुद कि जाति…
5 अगस्त और 15 अगस्त की आजादी- डॉ. उदित राज

5 अगस्त और 15 अगस्त की आजादी- डॉ. उदित राज

5 अगस्त और 15 अगस्त की आजादी- डॉ. उदित राज दो तारीखें, दो आज़ादी: 5 अगस्त और 15 अगस्त के बीच की विरोधाभास 06 Aug. 2020 अयोध्या में राम जन्मभूमि…
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दलित कितने हिन्दू हैं- डॉ. उदित राज

दलित कितने हिन्दू हैं: डॉ. उदित राज का विश्लेषण और हाथरस की घटना के प्रभाव 08 Oct. 2020 हाथरस में एक दलित लड़की के बलात्कार- हत्या और उसके बाद पुलिस…
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कल्याणकारी राज्य की वापसी- डॉ. उदित राज

कल्याणकारी राज्य की वापसी- डॉ. उदित राज 29 Oct. 2020 निजीकरण के दौर में कल्याणकारी राज्य की आवश्यकता अमेरिका एवं यूरोप की सम्पन्नता और सुविधाएं देखकर भारत का अभिजात्य वर्ग…
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दलितों की लड़ाई लड़ते किसान – डॉ. उदित राज

दलितों की लड़ाई लड़ते किसान - किसान आंदोलन की विशिष्टता और चुनौतियाँ 15 Dec. 2020 यह किसान आन्दोलन अबतक में हुए आन्दोलनों से भिन्न है| इसके पहले जो आन्दोलन हुए…
बहुजन हिताय बनाम बहुजन राजनीति

बहुजन हिताय बनाम बहुजन राजनीति

बहुजन हिताय बनाम बहुजन राजनीति-डॉ. उदित राज बहुजन हिताय बहुजन सुखाय का सन्देश गौतम बुद्ध ने दिया था। सामाजिक न्याय एवं मानवता के जो आन्दोलन रहे हैं, वो किसी न…
बहुजन राजनीति का विकास: समावेशिता से जातिवाद तक

बहुजन राजनीति का विकास: समावेशिता से जातिवाद तक

बहुजन राजनीति का विकास: समावेशिता से जातिवाद तक शुरुआत बहुजन से, पहुँचे जाति पर और अब ब्राम्हण के शरण - डॉ. उदित राज 30 July 2021 आरम्भ में कांशीराम जी…
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जाति ही शाश्वत है

जाति: एक अमिट सच्चाई हॉकी खिलाड़ी दलित वंदना कटारिया के परिजन को अपमानित किया कि वो मैच हरवा दिया जबकि हॉकी में उसका श्रेष्ठ प्रदर्शन था। अगर सवर्ण की बेटी…